कर्नाटक में बाढ़ राहत कार्य तेज़: सरकार ने अतिरिक्त सहायता और पुनर्वास योजनाओं की घोषणा की
कर्नाटक के कई जिलों में हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य तेज़ी से चल रहे हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं की घोषणा की है।
बाढ़ की स्थिति
कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। पिछले हफ्ते हुई मूसलधार बारिश के कारण प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं, जिससे गांवों और शहरों में पानी भर गया। मैसूरु, मेंगलुरु, शिवमोगा, कोडागु और बेलगावी जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
प्रमुख असर:
- हजारों घरों में पानी घुसने से लोग बेघर हो गए।
- सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे आवागमन बाधित हुआ।
- फसलें नष्ट हो गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ।
- बिजली और पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई।
सरकार की राहत घोषणाएँ
मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। सरकार ने तत्काल राहत के तौर पर प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्य घोषणाएँ:
- प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा: प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹10,000 की तत्काल सहायता।
- किसानों को राहत: फसल नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर ₹20,000 का मुआवजा।
- आवास पुनर्वास योजना: जिनके घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें नई आवास योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
- सड़क और पुलों की मरम्मत: क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को पुनः बहाल करने के लिए ₹500 करोड़ का विशेष पैकेज जारी।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: मेडिकल कैंपों की स्थापना और महामारी से बचाव के लिए विशेष अभियान।
राहत कार्यों में तेजी
राज्य प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है। बचाव दलों ने अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा:
“हम बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं। राहत कार्य में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। पुनर्वास योजनाओं के तहत सभी प्रभावित परिवारों को सहायता मिलेगी और बुनियादी ढांचा जल्द बहाल किया जाएगा।”
ग्रामीण क्षेत्रों में संकट
ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का सबसे अधिक असर हुआ है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। राज्य सरकार ने कृषि विभाग को प्रभावित किसानों की सूची तैयार करने और जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य और महामारी का खतरा
बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाए हैं। डॉक्टरों की टीम लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रही है और जरूरी दवाइयाँ वितरित कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का संघर्ष
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने सरकार से तेजी से राहत पहुँचाने की अपील की है। एक स्थानीय निवासी ने कहा:
“हमने अपने घर और सामान सब कुछ खो दिया है। सरकार से उम्मीद है कि जल्द से जल्द हमारी मदद की जाएगी।”
निष्कर्ष
कर्नाटक में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है। राहत और पुनर्वास के प्रयासों से लोगों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार द्वारा घोषित अतिरिक्त सहायता और पुनर्वास योजनाएँ बाढ़ पीड़ितों के जीवन को फिर से पटरी पर लाने में मददगार साबित होंगी।