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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन, जानें उनकी विरासत


अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का लंबी बीमारी के बाद 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति थे। कार्टर का नाम मानवाधिकार और शांति के प्रयासों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन के बाद दुनिया भर में उनके योगदान को याद किया जा रहा है।

जिमी कार्टर का राजनीतिक सफर

जिमी कार्टर ने 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी। वे डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखते थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने मानवाधिकार, ऊर्जा संकट और अंतर्राष्ट्रीय शांति को अपनी प्राथमिकता बनाया।

उनका कार्यकाल भले ही एक कार्यकाल तक सीमित रहा, लेकिन उनके बाद उन्होंने अपने जीवन को समाज सेवा और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष को समर्पित कर दिया।

कार्टर सेंटर की स्थापना

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद जिमी कार्टर ने अपनी पत्नी रोज़ालिन कार्टर के साथ मिलकर कार्टर सेंटर की स्थापना की। यह केंद्र लोकतंत्र, मानवाधिकार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करता है।

कार्टर सेंटर के माध्यम से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष समाधान, बीमारी के उन्मूलन और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता

जिमी कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके मानवाधिकारों के लिए किए गए कार्यों और अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयासों के लिए दिया गया था।

कार्टर का भारत के साथ संबंध

जिमी कार्टर का भारत के साथ भी अच्छा संबंध रहा। वे 1978 में भारत के दौरे पर आए थे और उन्होंने गांव दौलतपुर नासिराबाद (उत्तर प्रदेश) का दौरा किया था। इस दौरे को भारतीय राजनीति में कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के रूप में देखा गया।

उन्होंने उस वक्त भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश की थी।

जिमी कार्टर का स्वास्थ्य

कार्टर लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें कैंसर का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और जज्बे के साथ इसे हराया था। हाल के महीनों में उनकी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी थी, जिसके बाद वे हॉस्पिस केयर में थे।

परिवार और निजी जीवन

जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के एक छोटे से शहर में हुआ था। वे एक किसान परिवार से आते थे। उनका विवाह रोज़ालिन कार्टर से हुआ और उनके चार बच्चे हैं।

कार्टर अपने निजी जीवन में सादगी और नैतिकता के लिए जाने जाते थे। राष्ट्रपति बनने से पहले वे पीनट फार्मिंग का काम करते थे।

दुनिया भर में शोक की लहर

उनके निधन के बाद दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा:
    “जिमी कार्टर ने अपने जीवन को मानवता की सेवा के लिए समर्पित किया। वे सच्चे नेता और महान इंसान थे।”
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा:
    “कार्टर ने पूरी दुनिया को मानवाधिकार और शांति के महत्व को समझाया। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

कार्टर की विरासत

जिमी कार्टर की विरासत मानवाधिकार, शांति और समाज सेवा के क्षेत्रों में अमूल्य है। वे उन नेताओं में से एक थे जिन्होंने सत्ता छोड़ने के बाद भी अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाई और दुनिया भर में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की।

उनका नाम इतिहास में एक प्रेरणादायक नेता और मानवतावादी के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।


निष्कर्ष
जिमी कार्टर का जीवन सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक है। उनका राजनीतिक करियर भले ही सीमित रहा हो, लेकिन उनके सामाजिक कार्यों ने उन्हें दुनिया के सबसे सम्मानित नेताओं में स्थान दिलाया। उनके निधन से दुनिया ने एक महान नेता, शांति के दूत और मानवाधिकारों के संरक्षक को खो दिया है।

उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।