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जस्टिस संजीव खन्ना ने ली 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ, न्यायपालिका में नई उम्मीद


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना ने देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद को संभालते हुए न्याय के नए अध्याय की शुरुआत की है।

शपथ ग्रहण समारोह

राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना ने मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

जस्टिस संजीव खन्ना का न्यायिक सफर

जस्टिस संजीव खन्ना का न्यायिक करियर बेहद सम्मानजनक और प्रेरणादायक रहा है।

  • शुरुआती जीवन: जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं।
  • वकालत की शुरुआत: उन्होंने 1983 में वकालत की शुरुआत की और दिल्ली हाईकोर्ट में एक अनुभवी वकील के रूप में अपनी पहचान बनाई।
  • न्यायिक पद पर नियुक्ति: 2005 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया।

महत्वपूर्ण निर्णय

अपने करियर के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जो भारतीय कानून व्यवस्था में मील का पत्थर साबित हुए:

  1. आरटीआई के तहत पारदर्शिता: उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले फैसलों में अहम भूमिका निभाई।
  2. मानवाधिकार और संविधान की सुरक्षा: उन्होंने संविधान के मूल अधिकारों और नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले दिए।
  3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता: उन्होंने स्वतंत्रता और कानून के शासन को प्राथमिकता देने वाले मामलों में न्याय किया।

न्यायपालिका में नई उम्मीदें

मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा,
“न्यायपालिका का काम न्याय में विश्वास कायम रखना है। मैं संविधान की मर्यादाओं के भीतर न्याय दिलाने के लिए संकल्पित हूं।”

उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति का उपयोग कर न्याय प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि “न्याय सबके लिए सुलभ हो।”

न्यायिक चुनौतियां

जस्टिस खन्ना के सामने कई चुनौतियां हैं, जैसे:

  1. लंबित मामलों का निपटारा: देश की अदालतों में करोड़ों मामले लंबित हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सुलझाना होगा।
  2. न्यायिक सुधार: न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और जन-सुलभ बनाना।
  3. डिजिटल कोर्ट सिस्टम: आधुनिक तकनीक के जरिए न्याय प्रणाली को मजबूत करना।

कानूनी बिरादरी की प्रतिक्रिया

जस्टिस संजीव खन्ना के मुख्य न्यायाधीश बनने पर कानूनी बिरादरी ने उन्हें बधाई दी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा,
“जस्टिस खन्ना अपने निर्णयों में निष्पक्षता और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका और अधिक मजबूत होगी।”

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

उनके शपथ ग्रहण को लेकर आम जनता और न्यायिक विशेषज्ञों में सकारात्मक उत्साह देखा गया। लोगों को उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में न्याय में तेजी आएगी और न्यायपालिका का जनविश्वास और मजबूत होगा।


निष्कर्ष

जस्टिस संजीव खन्ना के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से न्यायपालिका को नई दिशा और नेतृत्व मिला है। उनके अनुभव, निष्पक्षता और संवेदनशील दृष्टिकोण से भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।