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किसानों की महापंचायत: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जोर, नई रणनीति तैयार


देशभर के किसान संगठन एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखने के लिए महापंचायत की तैयारी कर रहे हैं। इस महापंचायत का आयोजन 4 जनवरी को किया गया था, जिसमें हजारों किसानों ने भाग लिया। प्रमुख मुद्दों में कृषि कानूनों के निरस्त होने के बावजूद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कृषि क्षेत्र में सुधार की मांगें प्रमुख रहीं।

महापंचायत की पृष्ठभूमि

2020-21 में किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। हालांकि, किसानों की मुख्य मांग MSP की कानूनी गारंटी की रही, जिस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए, किसान संगठनों ने एकजुट होकर महापंचायत आयोजित की।

महापंचायत के मुख्य बिंदु

  1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी किसानों ने महापंचायत में MSP की कानूनी गारंटी पर जोर दिया। उनका कहना है कि फसल की उचित कीमत न मिलने से किसानों को नुकसान होता है। वे चाहते हैं कि सरकार कानून बनाकर यह सुनिश्चित करे कि सभी फसलों को निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर खरीदा जाएगा।
  2. कर्ज माफी और बीमा योजना में सुधार किसानों ने अपनी मांगों में कर्ज माफी को भी शामिल किया। उनका कहना है कि कृषि संकट के कारण किसान लगातार कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया ताकि किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजा मिल सके।
  3. कृषि उपकरण और खाद पर सब्सिडी महापंचायत में किसानों ने कृषि उपकरणों और उर्वरकों पर सब्सिडी देने की मांग की। उनका कहना है कि इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे किसानों का खर्च बढ़ता जा रहा है।

सरकार को चेतावनी

महापंचायत में किसान नेताओं ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे एक बार फिर आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए।

किसान नेताओं के बयान

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “हमने शांतिपूर्ण आंदोलन करके तीन कृषि कानून वापस कराए। अब हमारी मांग MSP की कानूनी गारंटी है। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानेगी, तो हम फिर से आंदोलन करेंगे।”

एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, “हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द करे। हमारी मांगें जायज हैं और हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर ध्यान देगी।”

कृषि विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि MSP की कानूनी गारंटी किसानों के हित में है। उनका कहना है कि इससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि MSP की कानूनी गारंटी के लिए व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि बाजार में संतुलन बना रहे।

अगले कदम

महापंचायत के बाद किसान संगठनों ने अपने अगले कदम की भी रूपरेखा तैयार की। उनका कहना है कि वे राज्य स्तर पर भी महापंचायत करेंगे और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, किसान संगठन सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए।

निष्कर्ष

किसानों की महापंचायत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके संघर्ष और उनकी मांगों को उजागर करता है। MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और कृषि सुधार जैसे मुद्दों पर सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं।