बलूचिस्तान की कोयला खदान में भयंकर विस्फोट, 12 लोगों की मौत की आशंका
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक कोयला खदान में भयंकर विस्फोट हुआ, जिसमें 12 मजदूरों की मौत की आशंका जताई जा रही है। यह हादसा बलूचिस्तान के हर्नाई जिले में स्थित एक खदान में हुआ, जहां विस्फोट के बाद कई मजदूर खदान के अंदर फंस गए। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है।
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, यह विस्फोट गैस रिसाव के कारण हुआ। खदान के अंदर जमा हुई मीथेन गैस ने विस्फोट कर दिया, जिससे खदान की छत गिर गई और मजदूर अंदर फंस गए। बताया जा रहा है कि हादसे के समय खदान में करीब 25 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें से कुछ मजदूर अपनी जान बचाकर बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन 12 मजदूर अब भी लापता हैं और उनके जीवित होने की संभावना कम है।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंच गए। बचाव अभियान में विशेषज्ञों की एक टीम को भी बुलाया गया है। हालांकि, खराब मौसम और खदान की गहराई के कारण राहत कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। बचावकर्मियों का कहना है कि खदान के अंदर जहरीली गैस का स्तर काफी ज्यादा है, जिससे राहत कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह एक दुखद घटना है। हमारी सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान करेगी।”
पिछले हादसे भी बना चुके हैं चिंता का विषय
बलूचिस्तान में कोयला खदानों में हादसे कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार इस तरह के हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई मजदूरों की जान जा चुकी है। खदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और उपकरणों की कमी के कारण ऐसे हादसे बार-बार होते रहते हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हर बार हादसा होने के बाद सरकार आश्वासन देती है, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं बदलता। मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर खदानों में काम करने को मजबूर हैं।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान में खदान सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कई बार पाकिस्तान सरकार से खदानों में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की अपील की है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि खदानों में काम करने वाले मजदूर आज भी असुरक्षित माहौल में काम करने को मजबूर हैं।
पीड़ित परिवारों की हालत
हादसे के बाद खदान के बाहर पीड़ित मजदूरों के परिजन अपने प्रियजनों के सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं। कई परिवारों ने प्रशासन से अपील की है कि बचाव कार्य में तेजी लाई जाए।
एक मजदूर के परिवार के सदस्य ने कहा, “हमने सुबह उन्हें काम पर भेजा था। हमें नहीं पता था कि यह आखिरी बार होगा जब हमने उन्हें देखा। हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारे लोगों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए।”
सरकार की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि खदान के मालिक और प्रबंधन की भूमिका की भी जांच की जाएगी। अगर किसी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
बलूचिस्तान की कोयला खदान में हुआ यह हादसा पाकिस्तान में खदान सुरक्षा की चिंताओं को फिर से उजागर करता है। यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए, बल्कि पाकिस्तान सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। जरूरत है कि खदानों में सुरक्षा मानकों को कड़ा किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।