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बजट 2025 की तैयारी शुरू: सरकार ने मांगे सुझाव, जनता से उम्मीदें बढ़ीं


आगामी केंद्रीय बजट 2025 को लेकर वित्त मंत्रालय ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों से सुझाव मांगने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह बजट आम नागरिकों, उद्योगों और किसानों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।

सुझाव मांगने की प्रक्रिया

वित्त मंत्रालय ने उद्योगपतियों, व्यापार संगठनों, किसानों, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों से उनके सुझाव मांगे हैं। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल और बैठक के माध्यम से सुझावों को एकत्र किया जा रहा है। आम नागरिक भी अपने विचार सरकार तक पहुंचा सकते हैं, जिससे बजट को और समावेशी बनाया जा सके।

प्राथमिकता वाले क्षेत्र

  1. कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विशेष प्रावधानों की उम्मीद की जा रही है।
  2. स्वास्थ्य क्षेत्र: कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर देने की संभावना है। अधिक अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सा शोध पर फोकस किया जा सकता है।
  3. शिक्षा और कौशल विकास: युवाओं के कौशल विकास और शिक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की अपेक्षा है। डिजिटल शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण को प्राथमिकता मिल सकती है।
  4. इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़कों, रेलवे और शहरी विकास के लिए बड़े बजट आवंटन की उम्मीद है।
  5. मध्यम वर्ग और रोजगार: आयकर में राहत और रोजगार सृजन के लिए नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।

बजट से अपेक्षाएं

इस बार के बजट से सभी वर्गों की काफी उम्मीदें हैं। खासतौर पर मध्यम वर्ग उम्मीद कर रहा है कि आयकर में छूट मिलेगी। छोटे और मध्यम उद्योग (MSME) के लिए सस्ते कर्ज और सहूलियतों की मांग बढ़ रही है।

विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस बजट में विकास दर को बढ़ावा देने के साथ-साथ महंगाई पर नियंत्रण रखने पर भी ध्यान देना चाहिए। रोजगार के अवसर बढ़ाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रभावी नीतियां बनाई जानी चाहिए।

सरकार का दृष्टिकोण

वित्त मंत्री ने संकेत दिए हैं कि बजट 2025 में देश की दीर्घकालिक विकास योजनाओं और आत्मनिर्भर भारत अभियान को ध्यान में रखा जाएगा। सरकार का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास को बढ़ावा देना और सभी वर्गों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करना होगा।

निष्कर्ष

बजट 2025 के प्रति जनता की अपेक्षाएं काफी अधिक हैं। यह बजट न केवल देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देगा, बल्कि नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बना सकता है। सरकार के सुझाव मांगने की पहल इसे अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने में मदद करेगी।