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सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को राहत, पुणे कोर्ट ने दी जमानत


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर पर की गई टिप्पणी के मामले में पुणे की स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है। इस मानहानि केस में अदालत में पेश होने के बाद राहुल गांधी को अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत प्रदान की।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला राहुल गांधी द्वारा एक सार्वजनिक सभा में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है। अपने बयान में राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी, जिससे भारतीय जनता पार्टी और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद पुणे के एक स्थानीय नेता ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया था।

अदालत में पेशी

राहुल गांधी शुक्रवार को पुणे की अदालत में पेश हुए। उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। अदालत में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने अपनी ओर से मुचलका भरा और जमानत की अर्जी दी। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और उन्हें जमानत प्रदान की।

कांग्रेस का क्या कहना है?

राहुल गांधी की जमानत मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे सत्य की जीत बताया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए मानहानि के केस का सहारा ले रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी सच बोलते रहेंगे और जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यह मामला सिर्फ राहुल गांधी का नहीं है, बल्कि यह सच और झूठ की लड़ाई है। हम सच्चाई के साथ खड़े हैं और किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।”

भाजपा का पलटवार

भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें बार-बार वीर सावरकर का अपमान करने से बचना चाहिए। भाजपा का कहना है कि वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

एक भाजपा नेता ने कहा, “राहुल गांधी को इतिहास के तथ्यों का सम्मान करना चाहिए। सावरकर ने भारत की आजादी के लिए जो योगदान दिया है, उसे नकारा नहीं जा सकता।”

पहले भी फंस चुके हैं कानूनी पचड़े में

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी को मानहानि के मामले में कोर्ट का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी कई मामलों में उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं। हाल ही में मोदी सरनेम विवाद में उन्हें सूरत की अदालत से दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी।

राहुल गांधी का बयान

अदालत से बाहर निकलते हुए राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, “मैं डरने वाला नहीं हूं। जो सच है, वो बोलता रहूंगा। मेरे खिलाफ कितने भी केस दर्ज किए जाएं, मैं पीछे नहीं हटूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी लड़ाई आम जनता के हक और लोकतंत्र को बचाने के लिए है।

आने वाले दिनों में क्या होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले समय में और तूल पकड़ सकता है। सावरकर का नाम एक भावनात्मक मुद्दा है और महाराष्ट्र की राजनीति में इसका काफी महत्व है। ऐसे में इस केस का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।

निष्कर्ष

राहुल गांधी को सावरकर टिप्पणी मामले में पुणे की अदालत से जमानत मिल गई है, लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा। राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले दिनों में इस पर और बहस होगी। कांग्रेस इसे जनता के मुद्दों से जोड़कर देख रही है, जबकि भाजपा इसे वीर सावरकर के सम्मान का मामला बता रही है। दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रही हैं।