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यमन के तेल पोर्ट पर अमेरिकी हमले में अब तक 74 की मौत, 171 घायल।


1. हमला और तात्कालिक घटनाक्रम

  • दिनांक: 17–18 अप्रैल 2025 की रात (यमन स्थानीय समय) में
  • स्थान: रास इस्सा तेल बंदरगाह, हूती नियंत्रित इलाके, अल-हुदाइदा प्रांत
  • अमेरिकी वायुसेना ने लगभग 14 झड़पों में इस तेल टर्मिनल को निशाना बनाया
  • हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 74 लोग मारे गए और 171 घायल हुए

2. हमले का स्वरूप

  • हमले से तेल टैंकरों में आग भड़क उठी, बड़े उछालने वाले ऊर्जा के साथ मेले में विस्फोट हुए, जिससे क्षेत्र में भारी तबाही हुई
  • लक्षित स्थान महत्वपूर्ण नागरिक सुविधाओं में से एक है, जो हूती इलाकों को ईंधन तथा मानवीय सहायता प्रदान करता है

3. अमेरिका का उद्देश्य

  • अमेरिकी सेन्ट्रल कमांड (CENTCOM) ने हमले की पुष्टि की, यह कहते हुए कि “हूती विद्रोहियों की आर्थिक शक्ति को कमजोर करने के उद्देश्य से” यह कार्रवाई की गई थी
  • स्थानीय हूती नेताओं का आरोप है कि बंदरगाह से मिले ईंधन का इस्तेमाल हथियार खरीद और सैन्य अभियानों में हो रहा था

4. मानवीय प्रभाव और विवाद

  • हूती स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसमें बंदरगाह कर्मचारी, ट्रक चालक और यात्रियों सहित कई नागरिक भी मारे गए हैं
  • हमले के बाद स्थानीय नज़रिए से विस्फोट और आग की भीषणता को देखते हुए मानवीय संकट की आशंका बढ़ी है
  • हूती विद्रोहियों ने इसे एक “मानवता विरोधी युद्ध अपराध” करार दिया

5. सामरिक और राजनीतिक प्रासंगिकता

  • यह हमला “ऑपरेशन रफ राइडर” के अंतर्गत मार्च से मई 2025 तक जारी अमेरिकी नौ-सामरिक अभियान का हिस्सा था, जो रेड सी के मार्गों पर हूती हमलों के जवाब में की गई हवाई कार्रवाई है
  • अमेरिका और यूके ने मानवीय सहायता बहाव जारी रखने के लिए बंदरगाहों को लक्षित नहीं किया था, लेकिन सैन्य-दृष्टि से अहम स्थलों को निशाना बनाया गया

6. राज्य प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय तनाव

  • हूती नेताओं और ईरान ने हमले की कड़ी निंदा की, इसे “बर्बरता” और “क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा” बताया .
  • अमेरिकी प्रतिबंधों की ताजा सूची में तेल आपूर्तिकर्ता कंपनियाँ भी सम्मिलित की गईं, जिससे हूती वित्तीय नेटवर्कों पर और दबाव डाला गया .

✍️ निष्कर्ष

रास इस्सा तेल टर्मिनल पर अमेरिकी हमले में दर्जनों नागरिकों की मौत ने यमन में पहले से बनी मानवीय संकट की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। जबकि अमेरिका का दावा है कि यह हूती समूह की सैन्य-सामर्थ्य को कमजोर करने के लिए आवश्यक था, स्थानीय स्तर पर इस हमले को एक नागरिक त्रासदी और युद्ध अपराध बताया जा रहा है।

अगर आप चाहें तो मैं इस खबर को:

  • मानवीय सहायता मार्गों पर प्रभाव,
  • रेड सी में सैन्य-राजनीतिक समीकरण,
  • आगामी रणनीतिक विकल्पों,
  • या संयुक्त राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय आपात प्रतिक्रिया दृष्टिकोण
    से और गहराई से बताएँ।