दिवालिया होने के बाद श्रीलंका में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव, मैदान में 2 पूर्व राष्ट्रपतियों के बेटे भी
श्रीलंका में 2024 का राष्ट्रपति चुनाव विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह दिवालिया होने के बाद देश का पहला चुनाव है। इस चुनाव में दो पूर्व राष्ट्रपतियों के बेटे भी मैदान में हैं, जो राजनीतिक परिदृश्य को और भी रोचक बना रहे हैं।
प्रमुख बिंदु:
- दिवालिया होने के बाद का चुनाव:
- श्रीलंका ने 2022 में आर्थिक संकट का सामना किया, जिसके कारण देश दिवालिया हो गया। यह चुनाव आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में नए नेतृत्व की तलाश के लिए महत्वपूर्ण है।
- पूर्व राष्ट्रपतियों के बेटे:
- चुनाव में भाग ले रहे दो प्रमुख उम्मीदवारों में से एक, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे, और दूसरे, पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के बेटे हैं। ये दोनों युवा नेता अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
- राजनीतिक माहौल:
- चुनावी माहौल में जनरल कुटुनीकरण, युवा मतदाताओं का उत्साह और आर्थिक सुधार की जरूरत पर चर्चा हो रही है। मतदाता नए नेतृत्व और विचारों की खोज में हैं।
- आर्थिक सुधारों का वादा:
- उम्मीदवारों ने चुनावी अभियान के दौरान आर्थिक सुधारों, रोजगार के अवसरों और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया है, जिससे देश की स्थिति में सुधार हो सके।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें:
- श्रीलंका का यह चुनाव अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा को प्रभावित कर सकता है।