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स्कूल छोड़ने पर मजबूर छात्रा ने लगाई न्याय की गुहार


उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक छात्रा ने अपनी पढ़ाई छोड़ने का कड़ा फैसला किया। यह मामला तब सामने आया जब छात्रा ने छेड़खानी के डर से स्कूल जाना बंद कर दिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई।

घटना का विवरण

इस गांव की 16 वर्षीय छात्रा रोजाना अपने स्कूल जाती थी, लेकिन हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रास्ते में उसे परेशान किया जाने लगा। छेड़खानी और अश्लील हरकतों के डर से, उसने अपने परिवार के साथ स्कूल छोड़ने का निर्णय लिया।

“रोजाना स्कूल जाते समय मुझे डर लगता था कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। मैंने यह सब सहन करने की बहुत कोशिश की, लेकिन अब मेरा आत्मविश्वास पूरी तरह खत्म हो चुका है,” छात्रा ने कहा।

परिवार की प्रतिक्रिया

छात्रा के पिता ने बताया कि उन्होंने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हम अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए सुरक्षित माहौल चाहिए, लेकिन ऐसा माहौल यहां नहीं है।”

मुख्यमंत्री से गुहार

इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब छात्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर न्याय की मांग की। अपने पत्र में उसने लिखा, “मैं पढ़ाई करना चाहती हूं, लेकिन मुझे सुरक्षा चाहिए। कृपया मेरी मदद करें ताकि मैं बिना डर के स्कूल जा सकूं।”

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

मामले के उजागर होने के बाद, स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया है। जिले के पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी छात्रा इस तरह की परेशानी का सामना न करे,” उन्होंने कहा।

समाज की भूमिका

इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा के संघर्ष ने यह संदेश दिया है कि महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है।

निष्कर्ष

छात्रा के साहसिक कदम ने न केवल उसके अधिकारों के लिए लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी है जो इस तरह की परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। यह समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाएं, जहां हर लड़की अपनी शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित महसूस कर सके।