पारंपरिक हथियारों से लैस होकर पारसनाथ में जुड़े देशभर के आदिवासी
गिरिडीह के पारसनाथ पर्वत के पास आदिवासी महाजुटान, पारंपरिक हथियारों से लैस आए नज़र, मरांग बुरु को लेकर हक-हुकूक की लड़ाई, कम पहुंच रहें जैन तीर्थयात्री। मरांग बुरु पहाड़/गिरिडीह पारसनाथ पहाड़ को लेकर आदिवासियों ने दी चेतावनी आदिवासी संगठन के लोगों ने पारंपरिक हथियार के साथ किया प्रदर्शन प्रोटेस्ट मार्च के कारण बहुत कम आ रहे श्रद्धालु एंकर जैन धर्मावलंबियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन में तीन साल बाद फिर आदिवासी संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है।
आदिवासियों का कहना है कि पहाड़ पर अतिक्रमण किया गया है। देखिए रिपोर्ट… वीओ 01. गिरिडीह के जैन तीर्थंकरों के स्थल के रूप में प्रसिद्ध सम्मेद शिखरजी को लेकर एक बार फिर विवाद गहराने लगा है। आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि पारसनाथ पहाड़ उनका है और इस पर जैन धर्मावलंबियों ने अतिक्रमण कर रखा है।
इसी को लेकर देशभर के आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारंपरिक हथियार के साथ जोरदार प्रदर्शन किया और मरांग बुरू पर्वत को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की। बाइट- एस.के.मुर्मू, केंद्रीय प्रवक्ता वीओ 02. विरोध प्रदर्शन के दौरान हजारों की संख्या में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और अन्य प्रदेशों से आए आदिवासियों ने पहाड़ पर मरांग बुरु जुग जाहेर थान में पूजा-अर्चना की। संगठन के सदस्य प्रदीप सोरेन ने कहा कि पहाड़ के स्वरुप को जैन समाज ने बदल दिया है।