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जयपुर कैंसर इंस्टीट्यूट में बच्चे की मौत पर हंगामा, चूहों के काटने का आरोप, जांच के आदेश


जयपुर (राजस्थान):
राजस्थान के जयपुर स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में एक बच्चे की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में चूहों के काटने के कारण बच्चे की जान गई। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

घटना का विवरण

मृतक बच्चा कैंसर का इलाज कराने अस्पताल में भर्ती था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में चूहों की भरमार है, और बच्चे के शरीर पर चूहों के काटने के निशान पाए गए। गंभीर अवस्था में बच्चे का इलाज किया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

परिजनों का गुस्सा

बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा:
“यह कैसी व्यवस्था है जहां मरीज सुरक्षित नहीं हैं? चूहों के कारण हमारे बच्चे की जान गई। अस्पताल प्रशासन जवाबदेह है।”

अस्पताल प्रशासन का बयान

अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। अस्पताल अधीक्षक ने कहा:
“हम घटना की पूरी जांच करेंगे। अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही राज्य स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अस्पताल की स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।

विपक्ष का हमला

विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य के अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा:
“स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा की वजह से मासूमों की जान जा रही है। सरकार को जवाब देना होगा।”

अस्पताल की स्थिति पर सवाल

यह घटना अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था और स्वच्छता की कमी को उजागर करती है। मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में चूहों और अन्य जानवरों का आना-जाना आम बात है, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता।

जांच और सुधार की दिशा में कदम

जांच कमेटी से रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अस्पताल में स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।


निष्कर्ष:
जयपुर कैंसर इंस्टीट्यूट में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी, लेकिन यह घटना प्रशासन को अपनी व्यवस्था पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती है।