श्रीलंका में वित्त वर्ष 2025 के लिए लेखानुदान पेश: आर्थिक स्थिरता पर जोर
श्रीलंका सरकार ने संसद में लेखानुदान पेश किया
श्रीलंका सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के पहले चार महीनों के लिए संसद में लेखानुदान पेश किया है। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने के उद्देश्य से उठाया गया है। आर्थिक संकट से उबर रहे श्रीलंका के लिए यह लेखानुदान अगले कुछ महीनों के लिए आवश्यक सरकारी खर्चों और योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
लेखानुदान की आवश्यकता
श्रीलंका सरकार ने यह लेखानुदान इसलिए पेश किया क्योंकि देश को वित्त वर्ष की शुरुआत में वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना है, जबकि पूर्ण बजट को बाद में संसद में लाने की योजना है। यह लेखानुदान सरकार के दैनिक कार्यों, जनकल्याण योजनाओं और विकास परियोजनाओं को चलाने के लिए जरूरी फंड मुहैया कराएगा।
आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि
श्रीलंका पिछले कुछ वर्षों से गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी, बढ़ती महंगाई और कर्ज के बोझ ने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है। ऐसे में यह लेखानुदान सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए महत्वपूर्ण है।
लेखानुदान के मुख्य बिंदु
- आवश्यक खर्चों का प्रावधान: सरकारी वेतन, पेंशन और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता।
- आवश्यक सेवाओं का संचालन: शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए धनराशि आवंटित।
- विकास परियोजनाओं पर फोकस: अधूरी पड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए प्राथमिक धन आवंटन।
सरकार का बयान
श्रीलंका के वित्त मंत्री ने संसद में कहा:
“यह लेखानुदान देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए आवश्यक है। सरकार जनता की जरूरतों को पूरा करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आर्थिक संकट के समाधान के लिए दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत है। उनका कहना है कि लेखानुदान केवल एक अस्थायी समाधान है और सरकार को व्यापक आर्थिक सुधारों पर ध्यान देना चाहिए।
आगामी चुनौतियाँ
- कर्ज प्रबंधन: श्रीलंका को अपने विदेशी कर्ज का पुनर्गठन करना होगा।
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: महंगाई दर को कम करना सरकार की प्राथमिकता है।
- राजस्व वृद्धि: कर संग्रह को बढ़ाकर सरकारी खर्चों को संतुलित करना आवश्यक होगा।
आम जनता की उम्मीदें
श्रीलंका की जनता को इस लेखानुदान से उम्मीद है कि सरकार उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देगी। स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर अधिक जोर देने की माँग बढ़ रही है।
निष्कर्ष
श्रीलंका सरकार द्वारा पेश किया गया यह लेखानुदान देश की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि यह एक अस्थायी व्यवस्था है, लेकिन आने वाले महीनों में सरकार को दीर्घकालिक आर्थिक सुधारों को लागू करने की जरूरत होगी ताकि देश को आर्थिक स्थिरता और विकास की ओर ले जाया जा सके।