चीन की बढ़ती धमक, आसियान के साथ रिश्ते मजबूत करेगा भारत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान (ASEAN) देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए एक 10 प्वाइंट का रणनीतिक योजना प्रस्तुत की है। यह योजना चीन की बढ़ती धमक के खिलाफ एक सशक्त प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आइए, इस योजना के प्रमुख बिंदुओं को समझते हैं:
1. सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना
प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान देशों के साथ सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने, और सामूहिक सुरक्षा उपायों को शामिल किया जाएगा।
2. आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा
भारत और आसियान के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके तहत नये व्यापारिक समझौतों और निवेश के अवसरों को तलाशने का काम होगा।
3. संस्कृति और शिक्षा का आदान-प्रदान
आसियान देशों के साथ सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग को बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे लोगों के बीच आपसी समझ बढ़ सके।
4. जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सहयोग
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए आसियान के साथ साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। इसमें स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. डिजिटल तकनीक का उपयोग
डिजिटल तकनीक के माध्यम से आसियान देशों के साथ बेहतर संचार और सहयोग को बढ़ावा देने की योजना है। इसमें साइबर सुरक्षा और सूचना तकनीक के क्षेत्र में सहयोग भी शामिल होगा।
6. टूरिज्म को बढ़ावा
भारत और आसियान देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यक्रम और प्रचार अभियान चलाए जाएंगे, जिससे आपसी संपर्क बढ़ सके।
7. स्वास्थ्य सहयोग
COVID-19 महामारी के अनुभवों के मद्देनजर स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने का प्रस्ताव है, जिसमें टीकाकरण और चिकित्सा सहायता शामिल है।
8. संयुक्त सैन्य अभ्यास
भारत और आसियान देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास करने का प्रस्ताव है, जिससे आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाया जा सके।
9. आधुनिकीकरण
आधुनिक तकनीकों के उपयोग से सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की योजना है, जिससे विकास और समृद्धि को गति मिले।
10. सामूहिक विकास की दिशा में कदम
भारत आसियान देशों के साथ मिलकर सामूहिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प लेगा, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।