दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर 2024 को महत्वपूर्ण सुनवाई की। अदालत ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि बिना अनुमति के GRAP-4 को हटाया न जाए
सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख टिप्पणियाँ:
- GRAP-4 लागू करने में देरी पर सवाल: अदालत ने पूछा कि जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से 400 के बीच पहुंच गया था, तो GRAP-3 को लागू करने में तीन दिन की देरी क्यों की गई।
- केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण: केंद्र सरकार ने बताया कि मौसम विभाग ने संकेत दिया था कि प्रदूषण स्तर कम हो सकता है, इसलिए GRAP-3 लागू करने में देरी हुई। इस पर अदालत ने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में मौसम विभाग पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहा जा सकता।
- GRAP-4 की निरंतरता: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि GRAP-4 को अदालत की अनुमति के बिना हटाया नहीं जाएगा, भले ही AQI 300 से नीचे चला जाए।
अदालत के निर्देश:
- स्कूलों की बंदी: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी स्कूल बंद किए जाएं और ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए।
- सरकारी और निजी कार्यालयों में उपस्थिति: अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के साथ काम करने पर विचार करें।
- निर्माण कार्यों पर रोक: GRAP-4 के तहत, मेट्रो रेल, अस्पताल, रेलवे और रक्षा जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को छोड़कर, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।
प्रतिक्रिया:
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने घोषणा की कि GRAP-4 लागू होने के साथ, अगली सूचना तक शारीरिक कक्षाएं निलंबित रहेंगी और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करना और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।