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केंद्र सरकार की पहल: मक्का के हाइब्रिड बीजों का उत्पादन


केंद्र सरकार हमेशा से किसानों की बेहतरी के लिए प्रयासरत रही है, और इस कड़ी में मक्का अनुसंधान केंद्र द्वारा मक्का के उन्नत किस्म और बेहतर पैदावार के लिए निरंतर प्रयोग किए जा रहे हैं। बेगूसराय जिले के कुसमहौत में मक्का की हाइब्रिड किस्मों का उत्पादन किया जा रहा है, जो न केवल बिहार, बल्कि राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटका और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी सप्लाई हो रही है।

भारतीय मक्का अनुसंधान केंद्र के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान और बीज उत्पादन केंद्र में इन दिनों लगभग 30 किस्मों के हाइब्रिड मक्के पर काम किया जा रहा है। इनमें से 6-7 किस्मों के लिए एमओयू भी हो चुका है। मक्का के बीज की आपूर्ति राष्ट्रीय बीज निगम, बिहार बीज निगम और अन्य कंपनियों को की जाती है, जो किसानों तक इन बीजों को पहुंचाते हैं।

कुसमहौत स्थित मक्का अनुसंधान केंद्र का फार्म 94 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें से 83 एकड़ में मक्के की खेती होती है, जिसमें 20 एकड़ में बीज उत्पादन और 40 एकड़ में प्रयोगात्मक क्षेत्र है। इस दौरान, केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक चिक्कप्पा गंगाधर करजगी ने बताया कि बेगूसराय में तैयार हाइब्रिड मक्का का बीज देशभर के विभिन्न बीज निगमों और कंपनियों को सप्लाई किया जाता है।

उन्होंने कहा कि आजकल हाइब्रिड खेती का विकल्प सबसे अधिक प्रभावी है, और इसलिए देशभर में हाइब्रिड किस्मों पर शोध बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, हाइब्रिड मक्का की किस्में उच्च पैदावार देने में सक्षम हैं। उदाहरण स्वरूप, खरीफ सीजन में हाइब्रिड 224 वेरायटी से 7 टन प्रति हेक्टेयर और रबी में 120-110 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है।

चिक्कप्पा गंगाधर ने बताया कि मक्का के बीज का उत्पादन केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए किया जाता है, और बीज केवल उन कंपनियों और निगमों को दिया जाता है जिनके साथ एमओयू किया गया है। इसके अलावा, किसान एफएलडी (फील्ड लेवल डेमोंस्ट्रेशन) के तहत मौसम के अनुसार फ्री बीज प्राप्त करते हैं, जिनका फीडबैक केंद्र द्वारा लिया जाता है।

मक्का अनुसंधान केंद्र से तैयार हाइब्रिड मक्के का उत्पादन लगभग 10 टन प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है, और यह बीज बहुत से किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।