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2025 में मिल सकती है विश्विद्यालय एवं जंगल सफारी की बड़ी सौगात


वर्ष 2025 मेवात जिले के विकास के एतवार से मिल का पत्थर साबित हो सकता है। अरावली पर्वतमाला के साथ लगते गुरुग्राम एवं मेवात जिले में जंगल सफारी परियोजना का काम इस साल के अंत तक शुरू हो सकता है।

पहले इस परियोजना को सिर्फ टूरिज्म विभाग देख रहा था, लेकिन अब वन विभाग व टूरिज्म विभाग के सामंजस्य से इस परियोजना पर काम किया जा रहा है। यह बेहद ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिससे दोनों जिलों में रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उक्त वक्तव्य विश्राम कुमार मीणा उपायुक्त नूंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। 

उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने इसके अलावा लंबे समय से चली आ रही विश्वविद्यालय की मांग पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह बेहद लंबे समय से इलाके के लोगों की मांग है। सरकार में यह प्रोजेक्ट विचाराधीन है। जमीन देने के लिए कई ग्राम पंचायत पूरी तरह से तैयार हैं।

कुछ पंचायतों ने लिखित में भी यूनिवर्सिटी के लिए जगह दी है। उपायुक्त ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण जमीन की उपलब्धता का विषय है और इसमें नूंह प्रशासन को कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय बनाने के लिए लैंड नियमों में भी बदलाव किया है। 

डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि वर्ष 2025 के अंत तक अच्छी खबर नूंह जिले के लोगों के लिए मिल सकती है। इसको लेकर लगातार बैठकों का दौरा चल रहा है। यह दो बड़ी परियोजना वर्ष 2025 में अगर नूंह जिले के खाते में आती हैं तो मेवात के विकास में यह दोनों ही परियोजनाएं बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

कुल मिलाकर जंगल सफारी एवं विश्वविद्यालय जैसी हजारों करोड रुपए की परियोजनाओं पर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। इस बात का खुलासा डीसी नूंह ने बातचीत के दौरान किया है।